ज़िद / March 15, 2017 / kamalnishad ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर…..!! वो ज़िद्द कर के बोले.. ‘ फिर से सुनाओ’…..!!
वो शख्स / March 15, 2017 / kamalnishad वो “शख्स” मेरी हर कहानी हर “किस्से” में आया, जो मेरा “होकर” भी न मेरे “हिस्से” में आया
सिर्फ ख्वाब / March 15, 2017 / kamalnishad सिर्फ ख्वाब होते तो क्या बात होती, तुम तो ख्वाहिश बन बैठे, वो भी बेइंतहा..
यकीन / March 15, 2017 / kamalnishad ❣❣वो प्यार भी किस काम का जिसमें हर बात, को यकीन दिलाने के लिए कसम खानी पढ़े..??
ख़ुशी / March 15, 2017 / kamalnishad ____●___ हमें ख़ुशी मिल भी गयी तो रखेंगे #कहाँ हम,.. . आँखों में हसरतें है और दिल में #तुम ही तुम !! ____●____