ज़ोरदार ठंड / March 15, 2017 / kamalnishad ऐन्नीं ठंड पैणं डई आ के बंदा रात नूं रब्ब अग्गे अरदास करके सौंदा वा – “रब्बा रात नूं भावें भूचाल आ जावे पर सुसु ना आवे”।